Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 07:31 PM
बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा राज्यसभा की सदस्यता के इस्तीफे देने के बाद बाकी राज्यसभा के सदस्यों की रणनीति को लेकर सवाल खड़ा हो गया है।
लखनऊ: बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद बाकी राज्यसभा के सदस्यों की रणनीति को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पार्टी के बाकी पांच राज्य सभा सदस्य क्या अब अपनी नेता का अनुसरण करेंगे या वह राज्यसभा में बने रहेंगे।
मायावती का कार्यकाल को अगले साल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है लिहाजा वह संसद में मात्र शीतकालीन सत्र और बजट सत्र तक ही मेहमान थी लेकिन बसपा के बाकी सदस्य के साथ ऐसा नहीं है। मायावती के इलावा मुनकाद अली का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। जबकि पार्टी की तरफ से सतीश चंद्र मिश्रा, राजा राज, अशोक सिद्धार्थ, और वीर सिंह भी राज्यसभा के सदस्य हैं। इनमें से राजाराम और वीर सिंह का कार्यकाल 25 नंवबर 2020 को खत्म होगा जबकि अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल 4 जुलाई 2022 तक पड़ा है। सतीश चंद्र मिश्रा 4 जुलाई 2022 तक सांसद बने रह सकते हैं।
मायावती के इस्तीफे के बाद अब इन पांचों सदस्यों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वह पार्टी सुप्रीमों द्वारा तय की जाने वाली रणनीति के अनुसार चलेंगे या फिर अपनी सियासत का रास्ता खुद तय करेंगे।