Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 02:20 PM
विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा किए गए वादों पर योगी सरकार काम करना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार केंद्र से कर्ज लेने पर विचार कर रही है।
लखनऊ: विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा किए गए वादों पर योगी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार केंद्र से कर्ज लेने पर विचार कर रही है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद वित्तीय दबाव में आई प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी के वादे को पूरा करने के लिए कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है। प्रदेश में सितंबर 2016 तक बैंकों का 1.26 लाख करोड़ रुपये कृषि कर्ज बकाया था। इनमें से 92,121.85 करोड़ रुपये फसली कर्ज है।
फसली ऋण माफी पर बजट तैयार करने पर हो रहा विचार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसानों के बैंकों के माध्यम से लिए गए फसली ऋण माफी एवं बजट तैयार करने के लिए लगातार संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकरियों के साथ बैठक कर रहे हैं। वित्त विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि किसानों के ऋण माफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऋण माफी से पडऩे वाले वित्त भार को वहन करने वाले अनेक प्रस्तावों में केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से दिए जाने वाले विशेष अनुदान के तहत राज्य को हस्तांतरण मद से सहयोग लेना और राज्य सरकार द्वारा कर्ज लिया जाना प्रमुख है।
राज्य सरकारों के लिए निर्धारित है ऋण सीमा
वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक किन्तु एफआरबीएम कानून के तहत प्रत्येक वित्त वर्ष में राज्य सरकार द्वारा ऋण लिए जाने की सीमा निर्धारित है। ऐसे में राज्य सरकार केंद्र से अतिरिक्त ऋण के लिए बंध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम कानून के तहत निर्धारित ऋण सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी। वर्तमान में राज्य में लगभग 2.30 करोड़ किसान हैं। प्रदेश में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या करीब 2.15 करोड़ है।