वादा खिलाफी, नोटबंदी और कानून व्यवस्था होंगे मुख्य चुनावी मुद्दे: मायावती

Edited By ,Updated: 07 Jan, 2017 03:43 PM

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी फरवरी-मार्च में होने राज्य विधानसभा चुनाव में नोटबंदी, वायदा खिलाफी तथा कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दे होंगे।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी फरवरी-मार्च में होने राज्य विधानसभा चुनाव में नोटबंदी, वादा खिलाफी तथा कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दे होंगे। मायावती ने आज यहां पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की आयोजित बैठक में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से किये गये चुनावी वायदों को पूरा नहीं करना, केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से हो रही जनता को तमाम परेशानियों तथा कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दों में शामिल किये जायेंगे।

पदाधिकारियों तथा पार्टी उम्मीवारों को दिया निर्देश
मायावती ने पदाधिकारियों तथा पार्टी उम्मीवारों को निर्देश दिये कि निर्वाचन आयोग द्वारा लागू चुनाव आचार संहिता को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अक्षरश: पालन किया जाय। बसपा अनुशासित पार्टी है। चुनाव के दौरान भी अनुशासित होकर काम करना गरीबों व खासकर उपेक्षित वर्ग एवं लोकतंत्र के व्यापक हित में है।

लोकतंत्र के व्यापक हित में आचार संहिता का पालन 
बसपा अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नये चुनाव आचार संहिता के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि इसमें कई नई हिदायतों को शामिल किया गया है। इस बारे में जमीनी स्तर पर पार्टी के हर पदाधिकारी और कायर्कर्ता एवं पार्टी उम्मीदवारों को जानकारी होनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि आचार संहिता का पालन कराना लोकतंत्र के व्यापक हित में है और इस कार्य में चुनाव आयोग को सहयोग करने की आवश्यकता है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके निदेर्शों का अक्षरश: अनुपालन करने से गरीबों और कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों को भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में आसानी होगी। 

नोटबंदी फैसला अत्यन्त पीड़ादायक 
मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से तमाम वायदे किये थे लेकिन आजतक एक भी पूरा नहीं किया गया। केन्द्र सरकार का नोटबन्दी फैसला अत्यन्त पीड़ादायक और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। इसका खामियाजा भुगतने के डर से भाजपा के नेता तरह तरह की बयानबाजी व तमाम हथकंडे अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। 

भाजपा के कारनामों से सावधान रहने की जरूरत
बसपा अध्ययक्ष ने कहा कि संसद का बजट सत्र विधानसभा चुनाव के दौरान ही आहूत किये जाने का फैसला किया गया है ताकि बजट में कुछ लोक-लुभावन घोषणायें करके आमजनता को बहकाया जा सके। भाजपा के कारनामों से लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।  

सपा में घमासान से कानून व्यवस्था चौपट
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के पारिवारिक कलह से प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट है। विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। सपा उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी है उसके शाासन में जंगलराज और साम्प्रदायिक दंगे के कारण प्रदेश बदहाली के दौर से गुजर रहा है। अब ऐसी सरकार से मुक्ति पाने का सही समय आ गया है। सपा के दोनों ही गुटों को मालूम है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले हैं। यहां आक्सीजन पर चल रही कांग्रेस पार्टी से किसी भी प्रकार का समझौता करने पर आतुर है। इस बारे में भी आमजनता को जागरूक और सावधान करते रहने की जरूरत है। मायावती ने कहा कि सपा के दोनों गुटों में राजनीतिक व चुनावी मजबूरी के तहत अगर तोड़-फोड़ रुक जाती है तो भी इससे यहां की आमजनता का कोई भी भला होने वाला नहीं है। 

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