काशी की अतुल्य विरासत का परिचय दुनिया को उनकी भाषा में कराएं : PM मोदी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Mar, 2018 11:25 AM

introduce the incomparable heritage of kashi to the world pm modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा नवाचारियों से अपील की है कि वे ऐसा एप्लीकेशन (एप) तैयार करें जो दुनिया के विभिन्न देशों को उन्हीं की मातृभाषा में काशी (वाराणसी) की 5000 साल पुरानी धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत से रूबरू करा सके। स्मार्ट इंडिया...

वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा नवाचारियों से अपील की है कि वे ऐसा एप्लीकेशन (एप) तैयार करें जो दुनिया के विभिन्न देशों को उन्हीं की मातृभाषा में काशी (वाराणसी) की 5000 साल पुरानी धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत से रूबरू करा सके। स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन-2018 (सॉफ्टवेयर संस्करण) के ग्रैंड फिनाले के देशभर के 28 केंद्रों में शामिल काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में युवा नवाचारियों से मोदी ने शुक्रवार रात संवाद करते हुए ये अपील की। 

फोन पर ही काशी की तमाम जानकारियां हासिल कर सकें
विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने कहा कि काशी ज्ञान के लिए दुनिया भर में मशहूर है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति के बारे में जानने-समझने के लिए यहां आते हैं। ऐसे में हमें देखना होगा कि तकनीक के माध्यम से काशी की प्राचीन विरासत को सहज तरीके से उन तक कैसे पहुंचा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने नवचारियों से अपील की कि वाराणसी से लौटने के बाद वे कोई ऐसा‘एप’तैयार करने का प्रयास करें, जिससे यहां आने वाले पर्यटक चलते-चलते मोबाइल पर ही काशी की तमाम जानकारियां सहज तरीके से हासिल कर सकें।  

काशी में बसते हैं ज्ञानी
 उन्होंने विद्यार्थियों को काशी की 5000 साल पुरानी सभ्यता की महत्ता समझाने हुए कहा कि बोस्टन की एक गली का नाम काशी है और वहां के निवासियों को‘गुरु’कहा जाता है, क्योंकि काशी में ज्ञानी बसते हैं और यहां ज्ञान और गुरु की प्राचीन परंपरा है। उन्होंने बीएचयू के महाराजा विभूति नारायण सिंह इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए 344 प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की।  

28 केंद्रों पर लगभग एक लाख युवा से किया संवाद
प्रधानमंत्री ने देशभर के 28 केंद्रों पर लगभग एक लाख युवा नवाचारियों से संवाद के क्रम में बीएचयू को पहले स्थान पर रखा और यहां के निर्णायक मण्डल द्वारा चुने गए चार प्रतिभागियों बातचीत की। विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री को अपने प्रोजेक्ट का संक्षिप्त परिचय दिए। छात्र-छात्राओं से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि काशी में रहकर गंगा और उसके अन्य सहायक नदियों के संरक्षण के लिए उनकी क्या योजनाएं हैं। प्रतिभागियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस विषय पर से जुड़े प्रोजेक्ट्स लेकर वह जल्द ही आएंगे।  

अनेक गणमान्य लोग थे मौजूद
मोदी से बातचीत करने वालों में चेन्नई की छात्रा एस. राजेश्वरी, महाराष्ट्र की निकिता अडकर, दिल्ली से पीयूष और मुंबई के संदीप शामिल हैं।  इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह, मानव संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. एस एस संधू, बीएचयू के नवागत कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।  

गौरतलब है कि बीएचयू के महाराजा विभूति नारायण सिंह इंडोर स्टेडियम में डॉ.सिंह ने ग्रैंड फिनाले का उद्घाटन किया था। इसके बाद 43 टीमों में शामिल 344 नवाचारियों ने विभिन्न प्रकार के एप एवं सॉफ्टवेयर तैयार करने में जुटे हुए हैं। वे जल संकट, जल प्रदूषण, गंगा सफाई, वायु प्रदूषण, अन्न उपज बढ़ाने एवं उसका बेहतर प्रबंधन सहित विभिन्न समस्याओं जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। 

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