Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 03:16 PM
राष्ट्रीय लोकदल ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा करने का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाते हुये कहा कि एक ओर यह सरकार किसानों की आॢथक स्थिति पर आंसू बहाने का नाटक करती है और दूसरी ओर कर्जमाफी के नाम पर भद्दा मजाक करती है।
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा करने का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाते हुये कहा कि एक ओर यह सरकार किसानों की आॢथक स्थिति पर आंसू बहाने का नाटक करती है और दूसरी ओर कर्जमाफी के नाम पर भद्दा मजाक करती है।
रालोद का कहना है, ‘‘सरकार के प्रभारी मंत्रियों द्वारा विभिन्न जनपदों में कर्जमाफी प्रमाण पत्र बांटे जाने की आड़ में सरकार करोड़ों रुपये मंच बनाने के नाम पर खर्च कर रही है। इन्हीं मंचों पर किसानों को बुलाकर उनकी आॢथक स्थिति का मखौल उड़ा रही है।’’ पार्टी ने आरोप लगाया कि कई जनपदों में किसानों को कर्ज माफी के नाम पर 08, 25, 55 और 238 रुपये का प्रमाणपत्र देकर उनका अपमान किया जा रहा है जो निंदनीय है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने आज जारी एक बयान में कहा, ‘‘गन्ना किसान अब तक सुखी महसूस नहीं कर रहा है, और फिर से गन्ने का सीजन आ गया है। बड़े-बड़े सेठों ने अपनी-अपनी मिलों के लिए दौड़ लगानी शुरू कर दी है ताकि अधिक से अधिक गन्ने का आवंटन उनकी मिल के पक्ष में हो सके भले ही किसानों के लिए वह कितना भी दूर क्यों ना हो।’’
यही स्थिति कमोवेश धान किसानों की भी है जहां चावल के मिल मालिकों द्वारा धान की सीधी खरीद में सरकार की ओर से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। दोनों ही स्थितियां किसानों के लिए लाभप्रद नहीं हो सकती हैं। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि प्रदेश सरकार द्वारा जल्द ही गन्ना किसानों की मिलों का आवंटन नजदीक की मिलों में नहीं किया गया और धान किसानों को धान क्रय केन्द्रों पर उचित सुविधाएं नहीं दी गयीं तो राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता और किसान धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।