गाजीपुर जिला अस्पताल का रियल्टी चेक, ऑक्सीजन को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 03:05 PM

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गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 48 मासूम बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद गाजीपुर जिले के जिला अस्पताल के ऑक्सीजन का रियल्टी चेक किया गया है। रियल्टी चेक के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई।

गाजीपुर(अनिल कुमार): गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 48 मासूम बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद गाजीपुर जिले के जिला अस्पताल के ऑक्सीजन का रियल्टी चेक किया गया है। रियल्टी चेक के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। 

जानकारी के मुताबिक गाजीपुर जिला अस्पताल 150 बेड का है। जिसमें ऑक्सीजन के नाम पर के 35 से 40 ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद है। वह भी मरीजों को बिना मास्क के तीमारदारों द्वारा पाइप पकड़कर मरीजों को लगाया गया था और फायर सिलेंडर पूरे अस्पताल को आग से बचाने के लिए 6 है। वहीं सीएमएस ने 26 डॉक्टरों के एवज में 17 डॉक्टर की ही तैनाती बताया। 17 डॉक्टरों में एक ही सर्जन डॉक्टर है अगर सर्जन छुट्टी चले जाते है तो अस्पताल बिना सर्जन का हो जाता है। फिलहाल लोग जिला अस्पताल को अब केवल रेफर अस्पताल के नाम से पुकारते है।

प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था खुद वेंटिलेटर पर है। जिसका जीता जागता उदाहरण कल गोरखपुर में हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण 48 मासूम बच्चों की मौत के बाद सामने आया जो उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सोचने को मजबूर करता है। 

गाजीपुर के स्वास्थ्य महकमा का बुरा हाल
ऐसे में गाजीपुर के स्वास्थ्य महकमा का क्या हाल है? यहां के मरीजों को कैसे ऑक्सीजन दिया जा रहा है? जब उसका रियल्टी चेक किया तो चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला। 150 बेड के इस जिला अस्पताल में 35 से 40 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जाती ही। लेकिन जब चेकिंग हुई तो बच्चा वार्ड, आईसीयू, हार्ट विभाग समेत कई वार्डों में ऑक्सीजन के सिलेंडर नदारद दिखे।

महिला वार्ड का और भी बुरा हाल
महिला वार्ड में पहुंचे तो यहां का हाल और भी बुरा था। यहां पर एक महिला मरीज को बगैर मास्क के ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा था वो भी परिजनों द्वारा। जब उनसे इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन बताने वाला मीटर खराब है। हमें बताया गया है कि ऑक्सीजन खत्म हो जाता है तो पाइप को ग्लास के पानी में डालकर चेक कर लेना पता चल जाएगा। 

बच्चा वार्ड में एक भी ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं 
 उसके बाद जब आगे बढ़े तो बच्चा वार्ड में एक भी ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं दिखे।

क्या कहते हैं सीएमएस?
फिलहाल जब अस्पताल के र्दुव्यवस्था के बारे में सीएमएस से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि 150 बेड का अस्पताल है जिसमें 26 डॉक्टर होने चाहिए लेकिन यहां पर 17 डॉक्टर ही मौजूद हैं, 8 डॉक्टरों की कमी है। वहीं आक्सीजन के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि हमारे पास 35 से 40 ऑक्सीजन के सिलेंडर हैं और आवश्यकतानुसार मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है। इस दौरान सीएमएस ने ये भी बताया कि अस्पताल के सभी वार्ड में एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर है। 

पूरे अस्पताल में मात्र 6 फायर सिलेंडर 
वहीं पूरे अस्पताल में आग पर काबू पाने के लिए मात्र 6 फायर सिलेंडर है। इसकी कब रिफलिंग हुई होगी ये बता पाना मुश्किल है। वहीं पूरे अस्पताल में मात्र एक ही सर्जन है जो छुट्टी के दौरान सर्जन विहिन हो जाता है। सर्जन की गैर मौजूदगी में मरीजों को वाराणसी रेफर करने के लिए अलावा अस्पताल प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। फिलहाल इस जिला अस्पताल को रेफर अस्पताल के नाम से पुकारा जाता है।

सपा ने योगी सरकार पर बोला हमला
जब इस मामले में जंगीपुर विधानसभा के सपा विधायक वीरेन्द्र यादव से बात की गई तो उन्होंने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। वीरेन्द्र ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद अपने जिले को संभाल नहीं पा रहे हों तो वह प्रदेश क्या संभाल पाएंगे। गाजीपुर के जिला अस्पताल को बदहाल बताते हुए कहा कि जिला अस्पताल में आभाव के चलते अभी हाल फिलहाल में छह लोगों की मौत हो चुकी है।


 

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