Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 08:03 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और विकास वर्मा एवं अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को निचली अदालत से मिली जमानत खारिज कर दी।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और विकास वर्मा एवं अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को निचली अदालत से मिली जमानत खारिज कर दी।
न्यायालय ने राज्य सरकार की ओर से जमानत $खारिज करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए गायत्री और उसके साथियों को निचली अदालत से मिले जमानत आदेश को रद्द कर दिया है। गायत्री एवं उनके साथियो को उच्च न्यायालय से राहत न मिलने से अभी इनको जेल मे रहना पड़ेगा। न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही और मदन मोहन पांडेय एवं अनुराग वर्मा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए आज यह आदेश दिए।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता शाही का कहना था कि निचली अदालत में राज्य सरकार को सुनवाई का पूरा मौका नहीं मिला और विवेचक की ओर से दायर अर्जी भी अस्वीकार कर दी गई। कहा गया कि गायत्री प्रजापति ने अदालत को गुमराह किया कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक इतिहास नहीं है जबकि सरकार की ओर से शाही ने बताया कि गायत्री के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसकी क्रिमिनल हिस्ट्री भी है।
याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गायत्री और छह अन्य के खिलाफ सामूहिक बलात्कार, पोस्को एक्ट एवं जानमाल की धमकी आदि के आरोप में ए$फ आई आर दर्ज कराई गयी थी। पिछली सुनवाई पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद विशेष पास्को अदालत द्वारा दिये गए जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गायत्री और छह अन्य के खिलाफ लखनऊ के थाना गौतमपल्ली में सामूहिक बलात्कार तथा जान माल की धमकी और पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी के तहत गिरतारी भी हुई थी। सुनवाई के बाद न्यायालय ने राज्य सरकार की अर्जी को स्वीकार करते हुए गायत्री प्रजापति समेत सभी के जमानत आदेशो को खरिज कर दिया है।