Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 08:28 PM
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पाटी ने देश में पुराने बड़े करेंसी नोट का चलन बंद किये जाने से हलकान होकर राज्य में 28 लोगों द्वारा आत्महत्या किये जाने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गरीबों को हो रही भारी दिक्कतों को दूर करने के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पाटी ने देश में पुराने बड़े करेंसी नोट का चलन बंद किये जाने से हलकान होकर राज्य में 28 लोगों द्वारा आत्महत्या किये जाने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गरीबों को हो रही भारी दिक्कतों को दूर करने के उपायों के बारे में विचार का आग्रह किया है। सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपने एक ‘ट्वीट’ में कहा, ‘‘नकदी ना होने से प्रदेश में 28 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। यह बहुत दुखद है। प्रधानमंत्री को आम जनता और किसानों के बारे में सोचना चाहिए। प्रचलित नोटों के बंद होने से पूरे देश में अनिश्चितता का माहौल बन गया है।’’
हालांकि शिवपाल ने यह नहीं बताया कि किन-किन जगहों पर लोगों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा ‘‘समाजवादी पार्टी प्रदेश की जनता से अपील करती है कि निराश ना हों। संकट की इस घड़ी में पूरी पार्टी प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है।’’ यादव ने कहा, ‘‘रोजमर्रा की जिंदगी में छोटा-मोटा काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। इन गरीब मजदूरों के पास ना तो बैंक खाता होता और ना ही एटीएम कार्ड। इनका जीवन पूरी तरह से नकदी पर ही आधारित होता है। इनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी है। साथ ही इनका भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। केन्द्र सरकार ने अचानक करेंसी बंद करने का फैसला तो ले लिया लेकिन गरीब मजदूरों के बारे में कुछ नहीं सोचा।’’
शिवपाल का बयान एेसे वक्त आया है जब 500 और हजार रपये के पुराने नोटों के विमुद्रीकरण के बाद जनता बैंक शाखाआें और एटीएम केन्द्रों के बाहर खड़ी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मसले पर अपना रख पहले ही स्पष्ट करते हुए केन्द्र के इस कदम की लगातार आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कल कहा था कि जिस सरकार ने गरीब को तकलीफ दी, उसे जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। ‘‘इस सरकार :मोदी सरकार: ने आम आदमी को गहरी पीडा दी है।’’
अखिलेश का मानना है कि नोटबंदी से काला धन रोकने का उद्देश्य हल नहीं होगा। केवल पांच सौ और हजार के नोट बंद करने से ये समस्या दूर होने वाली नहीं है, जिनके पास हजार और पांच सौ के नोट हैं, वे अब दो हजार रूपये के नोट का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली को पिछले दिनों पत्र लिखकर आग्रह किया था कि निजी अस्पतालों और दवा की दुकानों पर पांच सौ और हजार रूपये के नोट 30 नवबर तक चलाने की अनुमति दी जाए ताकि गरीबों को चिकित्सकीय सुविधा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने इससे पहले सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे जनता खासकर ग्रामीण इलाके के लोगों को नये करेंसी नोट उपलध कराने के लिए स्थानीय बैंक अधिकारियों से तालमेल कर जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
UP Political News की अन्य खबरें पढ़ने के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें