Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 07:25 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार अगले पांच सालों में 70 लाख युवाओं को अपने कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। योगी ने वह ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ योजना के जरिये रोजगार दिलाने की...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार अगले पांच सालों में 70 लाख युवाओं को अपने कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। योगी ने वह ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ योजना के जरिये रोजगार दिलाने की दिशा में आगे बढऩे के संकेत भी दिये।
मुख्यमंत्री ने यहां प्रथम ‘रोजगार समिट’ का उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा, ‘‘जिस तरीके से लोगों ने पूंजी निवेश के लिये उत्तर प्रदेश को चुना है। उनका जो रुझान और उत्साह दिख रहा है....हमारा मानना है कि हमारे पास आने वाले पांच वर्षों के दौरान एक करोड़ नौजवान बेरोजगार होंगे, उसमें से 70 लाख को हम रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे...अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि को रोजगार के साथ जोड़ा है। चूंकि कृषि बहुत बड़ा क्षेत्र है, लिहाजा इसमें रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। योगी ने कहा कि प्रदेश के 75 जिलों में बहुत से ऐसे हैं, जहां कोई परम्परागत उद्योग रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्या उत्तर प्रदेश के अंदर ऐसा कर सकते हैं कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के आधार पर प्रदेश का विकास करें। भदोही का कालीन उद्योग, अलीगढ़ का ताला उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग आदि। वाराणसी के साड़ी उद्योग को कोई प्रोत्साहन नहीं मिला है। हम क्यों ना वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को जोड़ें।’’ उन्होंने कहा ‘‘हमें अपने युवाओं पर भरोसा करना चाहिये, जो विपरीत परिस्थितियों में भी मजबूती से खड़ा होता है। जब भी समाज के सामने संकट होता है तो युवा खड़ा होता है, मगर जब उसके रोजगार की बात आयी तो कोई ठोस काम नहीं हुआ। हमने नयी औद्योगिक नीति में रोजगार को खास महत्व दिया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 45-50 साल पहले उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिक का प्रवास कलकत्ता की तरफ होता था, मगर वहां की ‘यूनियनबाजी’ ने सब चौपट कर दिया। आज बंगाल की क्या स्थिति है। उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से हैं जिसने श्रम कानूनों को सरल बनाया है, लिहाजा लोग इस सूबे से जुड़कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है। कम खर्च में थोड़ी सी तकनीक का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादन क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है। इससे किसानों की आय तीन गुनी हो जाएगी। हम जब तक तकनीक को नहीं अपनाएंगे, तब तक स्वावलम्बन नहीं होगा।
योगी ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी के लिये उनके सामने तमाम वित्तीय चुनौतियां थीं। सरकार ने फुजूलखर्ची को रोका। अपने मंत्रियों से कहा कि अपने बंगले में रंगाई पुताई के अलावा और कोई काम नहीं कराएंगे और कोई नयी गाड़ी नहीं खरीदेंगे। इस तरह कुल 14 हजार करोड़ रुपये बचाए गये। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया, ताकि उन्हें विकास की प्रक्रिया से जोड़कर उनके अंदर विश्वास जगाया जा सके।