Edited By ,Updated: 26 Apr, 2017 03:31 PM
डाक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन कुछ ऐसे भी तथाकथित डॉक्टर हैं जो कभी कभी शैतान बन जाते हैं। हम झोलाछाप डॉक्टर की बात कर रहे हैं।
गोरखपुर (रुद्र प्रताप सिंह): डाक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन कुछ ऐसे भी तथाकथित डॉक्टर हैं जो कभी कभी शैतान बन जाते हैं। हम झोलाछाप डॉक्टर की बात कर रहे हैं। जिनका जाल ग्रामीण अंचलों में बुरी तरह फैला है। ये कथित डॉ बुखार से लेकर किसी आप्रेशन तक का इलाज करने से नहीं चूकते। खास बात ये कि मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर का है।
कंधे पर आला लेकर बैठे इन डॉ. साहेब को देखिए। वैसे तो इनके पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन आज चार वर्षों से हर मर्ज का इलाज करते चले आ रहे हैं। अब ये अलग बात है कि इनके इलाज से कितने बचे और कितनों को जान से हाथ धोना पड़ा है। लेकिन इन्हें क्या ये तो अपनी दुकान में बाकायदा ग्लूकोस की सीसी दवा और आप्रेशन का सामान रखे हैं। वहीं गांव की भोली भाली जनता भी क्या करे, झटपट दवा के चक्कर में वो भी इलाज कराने पहुंच जाते हैं। इस काम में मेडिकल स्टोर्स भी पीछे नहीं हैं। दवाई के साथ साथ यहां भी मरीजों का ईलाज होता है।
कई बीमारियों का करते हैं ईलाज-डॉ.
झोलाछाप डॉ. रामानुज से जब बात की गई तो उसने बताया कि वह पिछले 4 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं। उनके पास बुखार, पेट दर्द, सर्दी, जुकाम समेत कई प्रकार से ईलाज किए जाते हैं।
क्या कहते हैं मरीज?
ईलाज कराने आए मरीज धर्मेंद्र से बात की गई तो उसने कहा कि पेट में सूजन है तो इसलिए ईलाज कराने आए हैं। साथ ही कहा कि डा. की दूकान 2-3 किलोमीटर दूर है इसलिए यहां ईलाज कराने आए हैं। वहीं एक और मरीज अरविन्द ने बताया कि पेट खराब हो गया है इसलिए डॉ. से दवा लेने आए हैं।
शिकंजा नहीं कसने के कारण बढ़ जाता है झोलाछाप डॉक्टरों का मनोबल-स्थानीय नागरिक
वहीं स्थानीय लोगों में अजय और दुर्गेश का कहना है कि इनपर शिकंजा नहीं कसने के कारण इनका मनोबल बढ़ता जाता है। बुखार तक तो ठीक है लेकिन पैसे के लिए ये बड़े बड़े आप्रेशन तक करने से गुरेज नहीं करते।