Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 04:14 PM
19 मार्च को यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ ने कुर्सी संभालने के बाद भले ही एक भी कैबिनेट मीटिंग ।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश का मख्यमंत्री बनने के महज एक सप्ताह के अंदर समूचे मंत्रिमण्डल और नौकरशाही को अनुशासन तथा ईमानदारी को लेकर अपने ‘हठयोग’ का सुस्पष्ट संदेश देने वाले आदित्यनाथ योगी ने इस छोटी सी अवधि करीब 50 नीतिगत फैसले लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पदभार ग्रहण करने के अगले ही दिन सचिवालय का औचक निरीक्षण करके यह जाहिर कर दिया कि वह सरकारी तंत्र में वक्त की पाबंदी, काम में ईमानदारी और कार्यालय में स्वच्छता के मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे।
सचिवालय का दौरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री
पिछले 40 साल के दौरान सचिवालय का दौरा करने वाले वह पहले मुख्यमंत्री हैं। योगी ने अपने इस दौरे के दौरान सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों तथा विद्यालयों में पान, तबाकू तथा पान मसाला खाने पर पाबंदी लगा दी और सभी अधिकारियों को स्वच्छता रखने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि वह 2 महीने में ऐसा माहौल तैयार करेंगे जिससे लोगों को बदलाव महसूस होगा और उन्हें यह पता चलेगा कि सरकार कैसे चलाई जाती है।
योगी ने अपनी कैबिनेट की पहली बैठक का इंतजार किए बगैर तेजतर्रार ढंग से काम शुरू किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था को अपनी पहली वरीयता के तौर पर लेते हुए अपराधियों को चेतावनी दी कि वे उत्तर प्रदेश छोड़कर चले जाएं। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि वे सरकारी ठेके ना लें, बल्कि विकास कार्यों की निगरानी करें।