BSP सुप्रीमो मायावती को चुनौती दे रही चंद्रशेखर की भीम आर्मी!

Edited By ,Updated: 25 May, 2017 11:25 AM

chandra shekhar  s bhima army challenging bsp supremo mayawati

महाराणा प्रताप की जयंति पर डीजे बजाने को लेकर सहारनपुर में भड़के दंगे को लगभग डेढ़ महीना हो गया है।

लखनऊ: महाराणा प्रताप की जयंति पर डीजे बजाने को लेकर सहारनपुर में भड़के दंगे को लगभग डेढ़ महीना हो गया है। तब से वहां से दलितों और राजपूतोें के बीच छिटपुट झड़प की खबरें लगभग हर हफ्ते आ रही हैं। इन सबके बीच नोटिस करने वाली बात यह है कि दलित वोटर्स के सहारे यूपी की सत्ता पर चार बार काबिज होने वाली बसपा प्रमुख मायावती ने यहां के दलितों पर हो रहे अत्याचार की बिल्कुल सुध नहीं ली।

जानकारी के अनुसार सहारनपुर की पूरी घटना के दौरान भीम आर्मी का संस्थापक चंद्रशेखर वहां के दलितों के बीच उनके सुख-दुख में शामिल रहा। 5 मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर में दलितों के घर जलाए जाने के विरोध में भीम आर्मी ने 9 मई को वहां दलितों की महापंचायत बुलाई थी। इसके बाद यूपी पुलिस ने उस पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए मामला भी दर्ज किया था।

सहारनपुर मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए चंद्रशेखर ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर रैली का आयोजन किया जिसमें सूत्रों के अनुसार 50 हजार के आसपास लोग पहुंचे। इस रैली से साबित हो गया कि यूपी सहित बिहार, हरियाणा और राजस्थान के दलितों का चंद्रशेखर की इस रैली को समर्थन मिला। चंद्रशेखर की बढ़ती लोकप्रियता को देख अचानक मायावती को दलितों के प्रति प्रेम जगा और आनन-फानन उन्होंने मंगलवार को सहारनपुर की यात्रा कर डाली।

दरअसल, मायावती को लगने लगा है कि सहारनपुर मामले के बाद चंद्रशेखर की भीम आर्मी की बढ़ती लोकप्रियता बसपा के वजूद के लिए संकट बन सकती है। उत्तर प्रदेश के दलित पहले से ही बसपा से मुंह मोड़ चुके हैं । 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली जबकि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उसे महज 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

ऐसे में राजनीतिक लिहाज से दलित राजनीति के लिए उर्वरक मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश की जमीन पर भीम सेना का प्रसार बड़ी तेजी से होता हुआ महसूस किया जा सकता है। खासतौर पर सहरनपुर की घटना के बाद भीम आर्मी की दलित समुदाय में स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। जो बसपा प्रमुख मायावती की धड़कन बढ़ाने को पर्याप्त है। यदि यही स्थिति रही तो दो-तीन महीने बाद  यूपी में होने वाले निकाय चुनाव में बसपा के लिए वजूद का संकट पैदा हो जाएगा।

कौन है भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर
पेशे से वकील चंद्रशेखर ने 2015 में भीम आर्मी की स्थापना की थी। देहरादून से कानून की पढ़ाई करने वाले चंद्रशेखर खुद को रावण और द ग्रेट चमार की उपाधी से पुकारा जाना पसंद करते हैं। उनका दावा है कि उनकी सेना में यूपी, हरियाणा, राजस्थान सहित 7 राज्यों में लगभग 40 हजार सदस्य हैं।

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