Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 11:29 AM
गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामले में सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर गुलेश चंद (अब सेवानिवृत्त) सहित 8 अधिकारियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है....
लखनऊः गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामले में सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर गुलेश चंद (अब सेवानिवृत्त) सहित 8 अधिकारियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। राज्य सरकार ने करीब 4 माह पूर्व मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी।
वहीं जिन 8 अभियंताओं के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है इनके खिलाफ गोमतीनगर थाने में भी केस दर्ज था। सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ के डीआईजी प्रणव कुमार ने पुलिस उपाधीक्षक अलोक कुमार शाही को जांच सौंपी है।
करीब 1513 करोड़ की योजना में घोटाला
गौरतलब है कि सपा सरकार ने गोमती नदी को स्वच्छ करने और उसके तट को लन्दन की थेम्स नदी की तर्ज पर विकसित करने के लिए योजना शुरू की थी। करीब 1513 करोड़ की इस योजना में शुरुआत से ही वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिल रही थी, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
योगी सरकार के आदेश के बाद हो रही सीबीआई जांच
वहीं मार्च में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच के आदेश दिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच शुरू हुई।
न्यायिक जांच समिति ने 16 मई को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में पाया गया कि वित्तीय अनियमितता हुई है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में 4 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया।इस कमेटी ने 16 जून को दी गई अपनी रिपोर्ट में जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी।