बुंदेलखंड के आदिवासी क्षेत्रों को अफ्रीकी देशों की तर्ज पर किया जायेगा विकसित: जोशी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 07:44 PM

bundelkhand tribal areas to be developed on african countries  joshi

उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये गंभीर योगी सरकार ने बुंदलेखण्ड के आदिवासी क्षेत्रों को अफ्रीकी देशों की तर्ज पर विकसित करने का फैसला लिया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये गंभीर योगी सरकार ने बुंदलेखण्ड के आदिवासी क्षेत्रों को अफ्रीकी देशों की तर्ज पर विकसित करने का फैसला लिया है। पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने आज बुन्देलखण्ड पर्यटन पैकेज के तहत चित्रकूट धाम मण्डल और झांसी मण्डल की पर्यटन अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाने तथा 2014 से लागू हेरिटेज नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जीएसटी लागू होने के बाद हेरिटेज नीति के तहत दी जा रही सुविधाओं पर प्रभाव का विश्लेषण कर इसे फिर से तैयार किया जाये। 

बुंदेलखण्ड पर्यटन पैकेज पर चर्चा करते हुए श्रीमती जोशी ने ऐतिहासिक स्थलों का विकास करने, संपर्क मार्ग से जोडऩे, दर्शनीय बनाने तथा पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया उन्होंने बुंदलेखण्ड के आदिवासी क्षेत्रों को अफ्रीकी देशों की तर्ज पर पर्यटन की ²ष्टि से विशेष रूप से विकसित करने का आदेश दिया।

उन्होंने कहा कि ऐसे पर्यटन सर्किट तैयार किए जाएं जिससे दो या तीन दिन के प्रवास में पर्यटकों को विविध पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जा सके।  पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने हेरिटेज नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि 2014 में लागू इस नीति को अब जीएसटी के आकलन के उपरान्त उपयोगी बनाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कार्ययोजना को कार्यपूर्ति की ²ष्टि से विचार करना होगा। बैठक में पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा उ0प्र0 हेरिटेज होटल के अध्यक्ष पी0एन0डी0 सिंह ने प्रतिभाग किया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पर्यटन की विविध योजनाओं के तहत बैंक लोन, बार लाइसेंस, स्टाम्प ड्यूटी तथा लैण्ड कन्वर्जन जैसे मुद्दों पर मुख्य सचिव से चर्चा हेतु विस्तार से प्रस्ताव तैयार किया जाए जिससे पर्यटन परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा सके। 

बाल विकास के क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक कार्य जरूरी
रीता बहुगुणा जोशी ने बेघर, आश्रयहीन, मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम बालकों की समुचित देखभाल पर बल देते हुये कहा कि बच्चों के कल्याण के बिना सच्चे अर्थों में प्रगति नहीं की जा सकती।  बाल कल्याण कार्यक्रम से सबन्धित कार्यशाला में समीक्षा करते हुये श्रीमती जोशी ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों, गैर सरकारी संगठन के सदस्यों से कहा कि वे जिलाधिकारियों का सहयोग लेकर बच्चों के आधार कार्ड बनवाये जायें। सड़क पर भीख मांगते हुए बच्चों का सर्वेक्षण कराया जाये। बाल कल्याण समितियों को चाहिए कि विज्ञापन के माध्यम से पता करके बच्चों को उनके घर पहुंचाया जाये।

महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि बाल कल्याण के क्षेत्र में व्यक्तिगत रूचि लेकर काम किया जाय, मात्र पत्र लिखकर अपने कर्तव्य की इतिश्री न समझ ली जाय। खोये हुए बच्चों को गलत व्यक्ति के हाथ में न सौंपकर उनके वास्तविक संरक्षक, माता-पिता को सौंपा जाय। प्रो0 जोशी ने बेसहारा बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षण संस्थाओं में इन्हें प्रवेश दिलाया जाय तभी यह बच्चे अच्छी तालीम हासिल कर अपना जीवन सुधार सकेंगे। महिला कल्याण मंत्री ने बेसहारा बच्चों को अच्छा, पौष्टिक खाना उपलध कराने तथा बच्चों को ऑनलाइन दत्तक के रूप में दिए जाने पर बल दिया। 

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