मायावती का एेलान-गुजरात में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा, दी धर्मांतरण की भी चेतावनी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 07:56 PM

bsp will fight all seats in gujarat mayawati

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज चेतावनी दी कि अगर हिन्दू धर्म के कथित मनुवादी सोच वाले लोगों ने अपना रवैया नहीं बदला तो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तर्ज पर उनके समेत अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग बड़े...

वडोदरा: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज चेतावनी दी कि अगर हिन्दू धर्म के कथित मनुवादी सोच वाले लोगों ने अपना रवैया नहीं बदला तो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तर्ज पर उनके समेत अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग बड़े पैमाने पर धर्मान्तरण करेंगे। 

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सभी 182 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करेगी। मायावती ने यहां कला भुवन मैदान में बसपा की महासंकल्प रैली में अपने आधे घंटे से अधिक के भाषण का अधिकांश हिस्सा आंबेडकर और जाति व्यवस्था पर ही केंद्रित रखा। 
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उन्होंने कहा कि पूर्व में मनुवाद प्रभावित लोगों के चलते आबादी का 60 से 70 प्रतिशत होने के बावजूद कथित शूद्र और अति शूद्र जातियों को जानवरों से भी बदतर व्यवहार झेलना पड़ा था। इसी के चलते बड़े पैमाने पर इन जातियों ने सिख, ईसाई, इस्लाम, बौद्ध और अन्य जातियों में धर्मांतरण किया था। उनकी हालत ऐसी थी कि भारत में इन जातियों में अब वैसे धर्मांतरित लोगों की तादाद 70 से 75 प्रतिशत होने के बावजूद अब भी उनसे सौतेला ही व्यवहार होता है। आंबेडकर को भी इसी जाति में जन्म लेने के कारण खासा अपमान झेलना पड़ा था। वह तत्कालीन बरोडा रियासत से विदेश में उच्च शिक्षा के लिए धन लेने के चलते बाध्य होकर यहां नौकरी करने आये थे पर उन्हें जाति के कारण घर नहीं मिला था। वह जाति छुपा कर पारसी समुदाय के एक सराय में रुके थे जिसने नवंबर 1917 में उनका सामान और उन्हें इससे बाहर फेंक दिया। इस अपमान के बाद वह यहां कमाटीबाग में एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठे और संकल्प लिया कि छूआछूत को मिटा कर ही दम लेंगे। उस घटना से वह इनते दु:खी हो गये कि वह फिर वडोदरा नहीं लौटे। 
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बसपा प्रमुख ने कहा कि श्री आंबेडकर ने अंग्रेजों को भारत छोडने से पहले अनुसूचित जाति और जनजाति की पहचान करने को कहा था और 1928 में जब ऐसा किया जा रहा था तो कुछ छोटी जातियां, जो बडी जातियों के बहकावे मे नकली ब्राह्मण और बनिया जैसे बर्ताव कर इसमें शामिल नहीं हुईं। संविधान में अनुसूचति जाति/जनजातियों को आरक्षण और अन्य लाभ तथा कानूनी व्यवस्थायें करने वाले आंबेडकर ने ऐसी जातियों के लिए भी अनुच्छेद 340 में व्यवस्था की।

उन्होंने अपना संकल्प पूरा कर दिया था पर वह जानते थे अपने लिए एक दल बना कर केंद्र और राज्यों में राजनीतिक सत्ता लिये बिना ये जातियां इनका पूरा लाभ नहीं ले सकती। मायावती ने कहा कि भाजपा को अब अंबेडकर की याद आयी है। बसपा की सरकार गुजरात में बनी तो वह उनका यहां भव्य स्मारक उनके संकल्प भूमि पर बनायेगी। 

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