Edited By ,Updated: 09 Dec, 2016 05:32 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुसलमानों को रिझाने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूरी ताकत झोंक दी है और इसके लिए वह ‘मुस्लिम सम्मेलन’ आयोजित कराने जा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुसलमानों को रिझाने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूरी ताकत झोंक दी है और इसके लिए वह ‘मुस्लिम सम्मेलन’ आयोजित कराने जा रही है। पार्टी सूत्रों केे अनुसार सम्मेलन औद्योगिक नगरी कानपुर में आयोजित किया जायेगा। कानपुर नगर में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है।
सूत्रों का कहना है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने इन सम्मेलनों के आयोजन की जिम्मेदारी पार्टी के मुस्लिम चेहरे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सौंपी है। सम्मेलन में सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों से मुसलमानों को लाने की योजना है। सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन 18 दिसंबर को आयोजित किया जा सकता है, हालांकि अगले ही दिन कानपुर में प्रधानमंत्री की रैली होने की वजह से सम्मेलन की तिथि में बदलाव किया जा सकता है। वैसे तो, राज्य के पश्चिमी इलाकों में मुसलमानों को पार्टी के लिए संगठित करने के लिए कई आयोजन हो चुके हैं लेकिन मायावती सम्मेलन मेें इस संप्रदाय की भीड़ जुटाकर एक संदेश देना चाहती हैं।
इस बीच, सूत्रों का दावा है कि बसपा अध्यक्ष मायावती दलित-मुस्लिम का मजबूत गठजोड़ बनाने में लगी हुई हैं। बसपा आठ पन्ने की पुस्तिका ‘मुस्लिम समाज का सच्चा हितैषी कौन, फैसला आप करें’ भी बंटवा रही हैं। राज्य में करीब 18 फीसदी वाले मुसलमानों को रिझाने के लिए पार्टी ने 128 टिकट इसी समुदाय के लोगों को दिये गये हैं। हिन्दी और उर्दू में प्रकाशित पुस्तिका में 13 बिन्दुओं के जरिए बसपा ने दो बार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बनाने के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है। पुस्तिका राज्य में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तेजी से वितरित की जा रही है।
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