Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 04:02 PM
राष्ट्रीय लोकदल उ0प्र0 के अध्यक्ष डॉ0 मसूद अहमद ने अपने सहयोगियों के साथ पार्टी कार्यालय में प्रदेश के किसानों, मजदूरों एवं बेरोजगारों की स्थिति की चर्चा के पश्चात कहा कि उत्तर प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत जनता अब भी गांवों में निवास करती है जिनकी आय...
लखनऊ(नासिर): राष्ट्रीय लोकदल उ0प्र0 के अध्यक्ष डॉ0 मसूद अहमद ने अपने सहयोगियों के साथ पार्टी कार्यालय में प्रदेश के किसानों, मजदूरों एवं बेरोजगारों की स्थिति की चर्चा के पश्चात कहा कि उत्तर प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत जनता अब भी गांवों में निवास करती है जिनकी आय का श्रोत खेती एवं मजदूरी होता है। अपने खून पसीने की कमाई से किसान एवं मजदूर अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराता है और उसके पश्चात उसे बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ता है। प्रत्येक पंचवर्षीय योजना के पश्चात बनने वाली सरकार की ओर आशा की डोर लगाकर प्रतीक्षा करने के बाद भी कमोवेश स्थिति में कोई अन्तर नहीं होता है।
डॉ0 अहमद ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा, सपा एवं बसपा की सरकारों ने प्रदेश की सत्ता प्राप्त करने के बाद गांवों की दशा पर कोई ध्यान नहीं दिया। केवल अम्बेडकर ग्राम एवं लोहिया ग्राम घोषित करके विकास के नाम पर धन की बन्दरबांट अवश्य की गई परन्तु किसान एवं मजदूर दर-दर भटकने को ही मजबूर रहा तथा ग्रामीण अंचल का युवा वर्ग इन पार्टियों के नेताओं द्वारा गुमराह किया गया जो कि बेकारी एवं बेरोजगारी की मार झेलता रहा है।
रालोद अध्यक्ष ने कहा कि किसान मसीहा श्रद्वेय चौ. चरण सिंह की मूल विचारधारा यह थी कि देष की तरक्की का रास्ता खेत और खलिहान से होकर जाता है। इसी विचारधारा पर राष्ट्रीय लोकदल कार्य कर रहा है। आगामी विधान सभा चुनाव में ग्रामवासियों की दशा एवं ग्रामीण विकास को ही ध्यान मेें रहकर राष्ट्रीय लोकदल प्रदेष की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगा। इस सन्दर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठकर निर्णय को अन्तिम रूप दिया जायेगा। ग्रामीण विकास के द्वारा ही उत्तर प्रदेष को उत्तम प्रदेश बनाया जा सकता है इसके अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं हो सकता क्योंकि एक्सप्रेस वे और मेट्रो रेल ग्रामीण विकास के सामने गौण है।
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