बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे बसपा विधायक के खिलाफ राजेश त्रिपाठी पहुंचे चुनाव आयोग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 08:05 PM

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चिल्लूपार बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ पूर्व मंत्री तथा भाजपा से चिल्लूपार में प्रत्याशी रहे राजेश त्रिपाठी ने चुनाव आयोग में तथ्यों को छिपाकर गलत शपथ पत्र दाखिल करने की शिकायत कर चुनाव को निरस्त करते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की...

गोरखपुर (रुद्र प्रताप सिंह): चिल्लूपार बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ पूर्व मंत्री तथा भाजपा से चिल्लूपार में प्रत्याशी रहे राजेश त्रिपाठी ने चुनाव आयोग में तथ्यों को छिपाकर गलत शपथ पत्र दाखिल करने की शिकायत कर चुनाव को निरस्त करते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।

राजेश त्रिपाठी ने भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली में स्वयं पहुंचकर तथा सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली, उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवमं जिलाधिकारी गोरखपुर को पत्र लिखकर इस बाबत जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी ने चुनाव लड़ते समय दिनांक 7 फरवरी 2017 को रिटर्निंग ऑफिसर के सामने जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है उसमें उन्होंने तथ्यों को पूरी तरह से छिपाया है। जबकि कानून यह कहता है कि शपथ पत्र में किसी भी तरह की गलत जानकारी देना या तथ्यों को छिपाना एक अपराध है। इतना ही नहीं जिसके चलते मुकदमा दर्ज होकर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है और पुष्टि होने पर सदस्यता भी जा सकती है। 
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पूर्व मंत्री ने बताया कि बसपा विधायक ने शपथ पत्र में प्रत्याशी के रूप में यह दर्शाने की कोशिश किया है कि उनके ऊपर तथा उनकी पत्नी व बेटे के ऊपर किसी बैंक का कोई बकाया नहीं है। शपथ पत्र के पृष्ठ संख्या 17 के कालम एक और उन्नीस में कालम 9 के उप कालम 2 में बैंक/वित्तिय संस्थाओं और अन्य ऋण के अपने तथा आश्रितों के कालम में शून्य दर्शाया है। जबकि सत्यता यह है कि शपथकर्ता विनय शंकर तिवारी ने कन्दर्भ कंस्ट्रक्शन इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड से खसरा नम्बर 123 ग्राम बानी, बिजनौर को बंधक रखकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 117 करोड़ 96 लाख रुपये अपनी पत्नी रीता तिवारी, बेटे कन्दर्भ तिवारी एवम्ं अन्य के नाम पर कर्ज लिया है। जिसको जमा न करने पर बैंक ने उन्हें आखिरी नोटिस भेजते हुए तत्काल 123 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है अथवा सम्पत्ति कुर्क करने की चेतावनी दिया है।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि पर्चा भरते समय विनय शंकर तिवारी की कम्पनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड बी-158 सेक्टर-ए महानगर लखनऊ पर इतने बड़े लोन को जमा न करने की स्थिति में बैंक उन्हें डिफाल्टर घोषित कर रहा है। ऐसे में वे चुनाव नहीं लड़ सकते थे,इसलिए गलत शपथ पत्र दाखिल किया। शपथ पत्र में एक और तथ्य को छिपाने का खुलासा करते हुए चिल्लूपार के पूर्व विधायक राजेश त्रिपाठी ने बताया कि उपरोक्त कम्पनियों में पति-पत्नी ने केवल शेयर धारक होना स्वीकारा है जबकि वे इसके डायरेक्टर्स भी है तथा बेटे भी उनके शेयर धारक हैं। परंतु उस कालम में भी शून्य दर्शाया गया है। 

इसी प्रकार बिजनौर के बानी गांव के  जिस 123 नम्बर जमीन को बंधक रखकर लोन लिया गया है,उस जमीन का जिक्र भी सम्पति के कालम में नही है। ऐसे में चुनाव आयोग नई दिल्ली में अधिकारियों से मिलकर तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट को पत्र लिखकर राजेश त्रिपाठी ने मांग किया है कि  तथ्यों को छिपाकर मिथ्या जानकारी देते हुए असत्य शपथ पत्र दाखिल करने पर बसपा विधायक पर कार्यवाही की जाए। साथ ही जिलाधिकारी गोरखपुर से मिलकर उन्होंने मांग किया है कि चूंकि उन्ही के समक्ष बसपा विधायक ने प्रत्याशी के रूप में लोक सेवक के सामने शपथ लेकर झूठा शपथ पत्र दाखिल किया है तथा तथ्यों को छिपाया है। ऐसे में इस अपराध को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्यवाही की जाय।

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