जानिए, क्या हुआ जब भैंस पर चढ़कर नामांकन करने पहुंचे नेताजी की भड़की भैंस

Edited By ,Updated: 08 Oct, 2015 07:58 PM

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नेता वोट के लिए क्‍या कुछ नहीं करते इसकी एक बानगी हाजीपुर में राघोपुर सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्र यादव की तरफ से देखने को मिली।

पटना: नेता वोट के लिए क्‍या कुछ नहीं करते इसकी एक बानगी हाजीपुर में राघोपुर सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्र यादव की तरफ से देखने को मिली। वह भैंस पर बैठकर नॉमिनेशन भरने आए। नेताजी को भैंस पर चढ़ा देख लोगों का हुजूम जुट गया। गले में फूलों की माला पहने और भैंस पर सवार नेताजी हर किसी के आकर्षण का केंद्र थे।

नेताजी का काफिला जैसे डाक बंगला चौक पर समाहरणालय के पास पहुंचा भैंस भीड़ देखकर डरने लगी। इसी दौरान कुछ कार वाले लगातार हॉर्न बजाने लगे। हॉर्न की आवाज सुन भैंस बिदक गई। नेताजी का एक सहायक भैंस की रस्सी पकड़े था, लेकिन बिदकी हुई भैंस को संभालना उसके लिए संभव नहीं था। मौका देख नेताजी फुर्ती दिखाते हुए तुरंत भैंस की पीठ पर से उतर गए और सड़क पर औंधे मुंह गिरने से किसी तरह खुद को बचा लिया।
 
सुभाष चंद्र यादव ने कहा कि वह पूर्ण रूप से यादव हैं. वह हाजीपुर के यादवों के नेता हैं, इसलिए भैंस पर चढ़कर आए हैं। उनकी जाति में भैंस और गाय पालने की परंपरा है। उनके यहां गाय की पूजा होती है। बचपन में वह भैंस की पीठ पर चढ़कर उसे चराने जाते थे। चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमा रहे नेता ने कहा कि पालतू पशु के प्रति लगाव के चलते ही वह भैंस पर सवार होकर नॉमिनेशन जमा करने आए हैं। नेताजी भैंस पर सवार होकर मौके तक नहीं पहुंच पाए और रास्ते में ही उतरकर भागना पड़ा। लेकिन चुनाव में वह जीतते हैं कि दूर से भागना पड़ता है ये तो वक्त ही बताएगा। 

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