अमेठी: राजीव गांधी ट्रस्ट से जमीन खाली करने का आदेश, कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को ठहराया जिम्मेदार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 08:36 PM

amethi  congress orders smriti irani to vacate land from rajiv gandhi trust

लंबी प्रशासनिक एवं कानूनी प्रक्रिया के बाद अमेठी जिला प्रशासन ने राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट से कहा है कि वह जईस के रोखा गांव में 1.0360 हेक्टेयर जमीन तत्काल खाली करे, जहां वह स्वयं-सहायता समूहों के सदस्यों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहे हैं।

अमेठी (उत्तर प्रदेश): लंबी प्रशासनिक एवं कानूनी प्रक्रिया के बाद अमेठी जिला प्रशासन ने राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट से कहा है कि वह जईस के रोखा गांव में 1.0360 हेक्टेयर जमीन तत्काल खाली करे, जहां वह स्वयं-सहायता समूहों के सदस्यों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहे हैं। 

अधिकारियों ने कहा कि उक्त जमीन शुरू में एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर पंजीकृत कराई गई थी, लेकिन बाद में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने इस पर कथित तौर पर कब्जा कर लिया। इस जमीन के मालिकाना हक का मुद्दा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सबसे पहले तब उठाया था जब वह 2014 में अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव हार गई थीं। 

अमेठी लोकसभा सीट के तहत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्र जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। बहरहाल, अखिलेश यादव की अगुवाई वाली पिछली समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने ईरानी की ओर से उठाए गए मुद्दे को अनदेखा कर दिया था। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिला प्रशासन ने ईरानी के पत्र पर गौर किया और फिर कदम उठाया। इसके बाद, अमेठी के जिलाधिकारी योगेश कुमार ने तिलोई के एसडीएम अशोक कुमार शुक्ला से कहा कि वह ‘‘विशेष ध्यान’’ देते हुए मामले पर विचार करे। ट्रस्ट को पहला नोटिस जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) ओ पी पांडेय की ओर से जारी किया गया था। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ओम प्रकाश ने 10 अप्रैल और शुक्ला ने 28 अप्रैल को नोटिस जारी किया था। नोटिसों में ट्रस्ट से कहा गया कि वह जमीन के मालिकाना हक या इस्तेमाल से जुड़े दस्तावेज पेश करे। 

शुक्ला ने बताया कि ट्रस्ट ने नोटिस का जवाब दिया, लेकिन जवाब ‘‘न तो स्पष्ट था और न ही पर्याप्त था।’’ इस बीच, खुद को स्वयं-सहायता समूहों, जिनके सदस्यों को ट्रस्ट की ओर से प्रशिक्षित किया जा रहा है, की प्रतिनिधि बताने वाली किरण सिंह नाम की एक महिला ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रूख किया। 

न्यायालय ने जिला प्रशासन से कहा कि वह जमीन की स्थिति और स्वयं-सहायता समूहों की गतिविधियों के बारे में बताए। इसके बाद एसडीएम ने ट्रस्ट से एक बार फिर कहा कि वह जमीन के इस्तेमाल से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए। जब ट्रस्ट ने दस्तावेज मुहैया नहीं कराए तो एसडीएम ने पिछले हफ्ते तिलोई के तहसीलदार को जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।

कांग्रेस ने ईरानी को ठहराया जिम्मेदार
इस बीच, कांग्रेस ने इस कदम के लिए ईरानी को जिम्मेदार करार दिया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने बताया, ‘‘मौजूदा चीजें और कुछ नहीं बल्कि ईरानी की गलत मंशा का नतीजा है, जो हमारे लोकप्रिय नेता राहुल गांधी के खिलाफ संसदीय चुनाव हार गई थीं।’’ 
 

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