हर ओर हो रही है अखिलेश के गाय प्रेम की ही चर्चा

Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 01:21 PM

akhilesh  s talk of cow love is happening everywhere

उत्तर प्रदेश मे योगी आदित्यनाथ की अगुवाई मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हर ओर गाय रक्षा की दुहाई की ही बाते की जा रही है। इसी बीच ऐसे भी कई जुनूनी लोग सामने आ रहे है जो निरीह हताहत गायो को जीवन दान देने को अपनी जिंदगी का मकसद बना चुके है।

इटावा: उत्तर प्रदेश मे योगी आदित्यनाथ की अगुवाई मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हर ओर गाय रक्षा की दुहाई की ही बाते की जा रही है। इसी बीच ऐसे भी कई जुनूनी लोग सामने आ रहे है जो निरीह हताहत गायो को जीवन दान देने को अपनी जिंदगी का मकसद बना चुके है। तीन वर्ष पहले हुई एक घटना ने एक युवक को गोसेवा के लिए प्रेरित कर दिया। इटावा जिले के वैदपुरा के अखिलेश तिवारी ने गो सेवा करते हुए संकल्प लिया कि अब किसी गाय को तडप कर नहीं मरने देंगे। असल मे 35 साल के अखिलेश तिवारी वैदपुरा मे राम जी गिट इंपोरियम का संचालन करते है। 

अखिलेश ने कहा कि आज से करीब तीन साल पहले वैदपुरा बाजार में प्राचीन शिव मंदिर के सामने बेकाबू ट्रक की टक्कर लगने से एक गाय मरणासन्न हो गई थी। उसका 41 दिन तक उपचार कराने के बाद उसको पूरी तरह से दुरूस्त करवा लिया। उसके बाद मन मे गाय सेवा का मोह पैदा हो गया तब से अब तक करीब 600 से अधिक गायो को स्वस्थ्य कर चुके है। अखिलेश का कहना है कि उनके गाय प्रेम को देखने के बाद गौरक्षा समिति के महासचिव मंयक विधौलिया उनकी गायो के उपचार के लिए आर्थिक मदद करने के साथ साथ उत्साहवर्धन करके गये। इसी दरम्यान वो यह भी कह गये कि अखिलेश अपने मिशन से पीछे नही हटना तब से लगातार गायो की रक्षा के लिए अपने आप को समर्पित कर रखा है और जीवन मे आगे भी गायो की रक्षा के लिए ही लगा कर रखने की उम्मीद है।

अखिलेश ने बताया कि उन्होने अभी तब गायो की रक्षा के लिए किसी भी तरह की गैर सरकारी और सरकारी सहायता नही ली है और ना ही लेने का कोई इरादा है क्योंकि गायो को स्वास्थ्य कराने मे बेहद सुकून का एहसास होता है। उसने कहा कि एक गौरी नाम की ऐसी गाय है जिसको उसका नाम ले कर पुकारे जाने पर वो सब कुछ छोड कर आ जाती है करीब तीन साल की यह गाय दो साल पहले उनके संपर्क मे आई थी तब से लगातार गौरी उनकी जिंदगी का एक हिस्सा बनी हुई है।  

दरअसल बैद्पुरा में पशुओं का बाजार लगता है। जिस कारण सैकड़ों की संया में गाय और गोवंश का झुंड सड़कों पर विचरण करता है। आसपास के किसानों ने फसल की रक्षा के लिए खेतों में तार लगा दिए हैं। रोजाना दर्जनों गायें इन तारों में उलझकर बुरी तरह कट जातीं हैं। कुछ गाय सड़क पर दुर्घटना से घायल हो जाती हैं ऐसी गायों के उपचार और उनकी सेवा का बीड़ा अखिलेश तिवारी ने टीम बनाकर उठाया है । रोजाना कम से कम क्षेत्र में घूमकर 10 से 12 गायों के उपचार के लिए इंतजाम अखिलेश तिवारी व मनोज गुप्ता करते हैं। गोरक्षा दल के प्रदेश महासिचव मयंक विधौलिया से प्रेरित अखिलेश तिवारी गो सेवक की टीम में मनोज गुप्ता,भूपेन्द्र वर्मा, रणवीर यादव, आचार्य शैलेन्द्र, रूपचंद्र, देवेंद्र प्रताप सिंह, भारत सिंह, हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। जो भी गाय मरती हैं उनके लिए चुनरी की व्यवस्था धीरज गुप्ता करते हैं ।

गोसेवक गड्ढ़ा खोदकर उसका अंतिम संस्कार करते हैं। घायल गाय जहां भी मिल जाती है वहीं पर टीम पहुंचकर इलाज शुरू कर देती है । गाय यदि गंभीर रूप से घायल हो तो उस प्राचीन शिव मंदिर पर भर्ती कर इलाज व उसके चारे की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने गाय के इलाज गोशाला के लिए जिला प्रशासन से ग्राम पंचायत स्तर पर कामीन उपलध कराने की मांग की। 

अखिलेश के गाय प्रेम को देख कर गौरक्षा समिति के प्रदेश महासचिव मंयक विधौलिया कहते है कि उनको एक दिन किसी माध्यम से इस बात की जानकारी मिली कि वैदपुरा मे कोई है जो घायल गायो को इलाज कराने मे तत्पर जुटा हुआ है तो मन उससे मिलने को हुआ फिर अपने साथियो के साथ पहुंचा। उस समय अखिलेश किसी गाय का उपचार करने मे जुटे हुए थे काफी देर तक रूकने के बाद अखिलेश को समझा उनसे काफी कुछ बाते कि जब पूरी तरह से संतुष्ट हो गया तब अखिलेश को अपनी टीम मे शामिल करने का आंमत्रण दिया जिसे अखिलेश से सहर्ष स्वीकार कर लिया आज अखिलेश हमारी टीम का एक बडा हिस्सा बना हुआ है । 

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