Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 06:35 PM
कहते हैं कि जोडिय़ां स्वर्ग में तय होती हैं, यह मुहावरा उस समय फिट बैठ गया जब अमरोहा के हसनपुर के मुहल्ला खेवान निवासी टीटू को उसकी स्वप्न सुंदरी मिल गयी।
अमरोहा: कहते हैं कि जोडिय़ां स्वर्ग में तय होती हैं, यह मुहावरा उस समय फिट बैठ गया जब अमरोहा के हसनपुर के मुहल्ला खेवान निवासी टीटू को उसकी स्वप्न सुंदरी मिल गयी। शंकरलाल जाटव के पांच पुत्रों में सबसे छोटे पुत्र टीटू की लंबाई तीन फुट है। लंबाई छोटी होने के कारण उसकी शादी करने की अभिलाषा अधूरी रह गई थी। टीटू ने हिम्मत नहीं हारी और योग्य वधू की तलाश की मुहिम जारी रखी।
रिश्तेदारों और इश्तहार के जरिए भी शादी की इच्छा जाहिर करते हुए लगभग सभी संभावित क्षेत्रों का कोना कोना छानमारा। हर बार निराशा ही हाथ लगती रही। उधर, पिछले कई सालों से बेटी के हाथ पीले कर शादी के इंतजार में चिंतित ग्राम सलेमपुर के राजपाल सिंह अपनी बेटी सुंदरी की शादी को लेकर हताश हो चले थे। इस बीच फाजलपुर निवासी मध्यस्थ जितेंद्र ने वर-वधू के परिजनों को रिश्ते को लेकर बताया तो दोनों परिवारों में खुशी का पारावार नहीं रहा। चट मंगनी पट ब्याह को चरितार्थ करते हुए पहले सगाई की रश्म निभाई और फिर शादी की। शादी के बाद टीटू के घर लोगों का आना-जाना आज भी बना हुआ है। दूल्हा-दुल्हन को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। इस शादी की चर्चा दूर-दूर तक है।
दरअसल, नवविवाहित जोड़े की लंबाई ही चर्चा की वजह बनी। दूल्हे की लंबाई तीन फीट है जबकि दुल्हन उससे और छोटे कद काठी की। हर कोई इस नवविवाहित जोड़े के साथ सेल्फी लेने को उतावले दिखे। हसनपुर के मोहल्ला खेवान के रहने वाले दूल्हे के पिता कहते है कि जिस तरह की लबाई मेरे बेटे की थी, लड़की खोजने में परेशानी आ रही थी। लेकिन ऊपरवाला सब देखता है, और आखिरकार बहू मिल ही गई।