Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 11:33 AM
भले ही नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में राजेश और नुपूर तलवार ने रिहाई के बाद राहत की सांस ली हो, लेकिन उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ने जा रही हैं....
नोएडाः भले ही नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में राजेश और नुपूर तलवार ने रिहाई के बाद राहत की सांस ली हो, लेकिन उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ने जा रही हैं। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट से तलवार दंपती को बरी किए जाने के खिलाफ हेमराज की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी गई है।
बता दें हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट के फैसला को गलत ठहराया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिलकर कहा गया कि हाई कोर्ट ने माना है कि हत्या हुई है, लेकिन किसी को दोषी नहीं माना गया। हाई कोर्ट में इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया कि आखिर हत्या किसने की।
12 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने किया था बरी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में आरुषि के माता-पिता नूपुर तलवार और राजेश तलवार को बरी कर दिया था। वहीं खुमकला बंजाडे ने तलवार दंपति की रिहाई के फैसले को गलत बताया है।
जानिए मामले में कोर्ट में कब-कब, क्या-क्या हुआ
मालूम हो तो हेमराज तलवार परिवार का घरेलू नौकर था, जिसकी हत्या कर दी गई थी। पहले मई 2008 में तलवार दंपति के आवास पर उनकी बेटी आरुषि का शव मिला था। संदेह की सुई शुरू में उनके 45 साल के नौकर हेमराज पर गई, जो लापता था। हालांकि बाद में उसका शव भी तलवार परिवार के आवास की छत से मिला।
सुनाई गई थी उम्र कैद की सजा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को इस आधार पर आरोपमुक्त कर दिया था कि ऑन रिकॉर्ड साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इससे पहले 26 नवंबर 2013 को गाजियाबाद की एक सीबीआई अदालत ने तलवार दंपति को मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के आदेश से पहले राजेश और नूपुर तलवार गाजियाबाद की डासना जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे।
दोहरे हत्याकांड में नूपुर तलवार ने किया सरेंडर
डबल मर्डर के 4 साल बाद 2012 में आरुषि की मां नूपुर तलवार को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा और फिर जेल जाना पड़ा। नवंबर 2013 में तमाम जिरह और सबूतों को देखने के बाद सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के पिता राजेश और मां नूपुर तलवार को उसकी हत्या के जुर्म का दोषी माना। उनको उम्र कैद की सजा सुना दी गई।