Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 10:46 AM
बसपा के पूर्व विधान सभा प्रत्याशी राकेश शर्मा ने मेरठ में पार्टी की मंडलीय समीक्षा मीटिंग और....
मुजफ्फरनगर: बसपा के पूर्व विधान सभा प्रत्याशी राकेश शर्मा ने मेरठ में पार्टी की मंडलीय समीक्षा मीटिंग और रैली से पूर्व ही पार्टी प्रमुख मायावती को इस्तीफा भेजकर राजनीति में हलचल मचा दी है। शहर विधान सभा सीट पर बसपा के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव लड़कर तीसरे नम्बर पर रहने वाले राकेश शर्मा प्रभारी सदर विधानसभा ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को अपना त्यागपत्र भेजा है। ये त्यागपत्र ऐसे समय दिया गया है, जब 18 सितम्बर को पार्टी मुखिया मेरठ में मंडलीय समीक्षा बैठक करने आ रही हैं। इससे पार्टी में हलचल मची है।
त्यागपत्र में राकेश शर्मा ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक पराजय के बाद मुझे विश्वास था कि पार्टी में हार के कारणों की गहन समीक्षा होगी और कार्य प्रणाली में बदलाव लाया जाएगा। हर चुनाव में पार्टी द्वारा सोशल इंजीनियरिंग बदले जाने की वजह से समाज के विभिन्न वर्गों में अविश्वास की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि चुनाव में गरीब, स्वर्ण, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग बसपा से पूरी तरह से दूर हो गया है। दलित मतदाताओं के भी एक वर्ग में पार्टी के प्रति मोहभंग की स्थिति है।
राकेश शर्मा ने मायावती से कहा कि आपने अल्पसंख्यक समाज को चुनाव में भारी संख्या में टिकट तो दिए पर एक भी ऐसा नेता तैयार नहीं कर पाए, जिसकी अल्पसंख्यकों में पकड़ हो। चुनाव परिणाम आने के बाद लखनऊ में हुई कई बैठकों में भाग लिया, आपके विचार सुने, लेकिन यह सब एक पक्षीय था। आपने अपनी निजी धारणा के आधार पर भाषण दिया और आगे का कार्यक्रम तय कर रही हैं। ऐसे में मुझे और मुझ जैसे विधानसभा चुनाव लड़ चुके तमाम लोगों को प्रतीत होता है कि पार्टी इतिहास के पन्नों की ओर अग्रसर हो रही है।
पार्टी में स्वर्ण, पिछड़े और अल्पसंख्यक दूर हो चुके हैं। आप उन्हें जोड़ने के लिए गंभीर नहीं हैं। अत: पार्टी में बने रहने का कोई औचित्य मेरी समझ से परे है। मेरे इस पत्र को त्यागपत्र मान कर स्वीकार करें। राकेश शर्मा का कहना है कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे, अब किसी न किसी झंडे के नीचे उनका जाना भी तय है, वह किस पार्टी में जाएंगे यह अभी तय नहीं किया है।