Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 07:45 AM
उत्तर प्रदेश में नवगठित आदित्यनाथ योगी मंत्रिमंडल में करीब 80 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं जबकि 45 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में नवगठित आदित्यनाथ योगी मंत्रिमंडल में करीब 80 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं जबकि 45 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इलैक्शन वॉच और एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफाम्र्स (ए.डी.आर.) के अनुसार मंत्रिमंडल के 47 सदस्यों में से 44 के स्वप्रमाणित शपथपत्रों को आधार माना जाए तो 80 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं और 45 प्रतिशत पर विभिन्न आरोपों में मुकद्दमे दर्ज हैं।
जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल में 5 सदस्य मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह तथा मोहसिन रजा विधानमंडल दल के दोनों सदनों में से किसी के सदस्य नहीं हैं। मौर्य पर 11 मुकद्दमे दर्ज हैं जबकि इलाहाबाद से विधायक नन्द गोपाल नंदी और एस.पी. सिंह बघेल पर 7-7 मामले दर्ज हैं। मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी पर 6 और मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी सुरेश राणा पर 6 मुकद्दमे दर्ज हैं।
बताया जा रहा है कि इलाहाबाद दक्षिण से विधायक चुने गए नंद गोपाल नंदी सर्वाधिक अमीर मंत्री हैं। उनके पास 52.11 करोड़ रुपए की सम्पत्ति है। सिद्धार्थ सिंह के पास 22 करोड़ और सतीश महाना के पास 20 करोड़ की सम्पत्ति है। राज्यमंत्री गिरीश यादव के पास सबसे कम 13 लाख रुपए की सम्पत्ति, अनिल राजभर के पास 35 लाख जबकि नीलकंठ तिवारी 38 लाख रुपए की सम्पत्ति के मालिक हैं। 7 मंत्री 10 से 12वीं कक्षा पास हैं। 37 मंत्री स्नातक हैं। 18 मंत्रियों की उम्र 25 से 50 वर्ष है, जबकि 26 मंत्रियों की उम्र 51 से 80 वर्ष है। मंत्रिमंडल में केवल 5 महिला मंत्री हैं।