मीटिंग से पहले योगी का बड़ा फैसला, गन्ना समितियों से हटाए गए अध्यक्ष सहित 355 लोग

Edited By ,Updated: 04 Apr, 2017 08:42 AM

355 people  including president removed from sugarcane societies

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना विभाग की संस्थाओं में तत्कालीन सरकार द्वारा नामित एवं नियुक्त गैर सरकारी व्यक्तियों का नामांकन तत्कालिक प्रभाव से निरस्त करके उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना विभाग की संस्थाओं में तत्कालीन सरकार द्वारा नामित एवं नियुक्त गैर सरकारी व्यक्तियों का नामांकन तत्कालिक प्रभाव से निरस्त करके उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। आपको बता दें कि कुल 355 लोगों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। इन 355 पदों पर नई नियुक्ति की जाएगी। गन्ना किसानों को सीधे भुगतान के तहत यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है।

प्रदेश के गन्ना एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने बताया कि  लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान, लखनऊ शासी निकाय में अध्यक्ष (गैर सरकारी), उप्र गन्ना (पश्चिम) बीज एवं विकास निगम, मुजफ्फरनगर में अध्यक्ष (गैर सरकारी) एवं उप्र गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के शासी निकाय में उपाध्यक्ष (गैर सरकारी) है।

राणा ने कहा कि इसके अतिरिक्त सहकारी समिति अधिनियम, 1965 की धारा-34(1) के प्राविधानों के तहत सहकारी गन्ना विकास समितियों, चीनी मिल एवं सहकारी चीनी मिल समितियों की प्रबन्ध कमेटी में गैर सरकारी 184 सदस्यों के रूप में किए गए नामांकन को निरस्त कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य सहकारी समिति के तहत सहकारी चीनी मिल समितियों की सामान्य निकाय में प्रतिनिधि के रूप में कुल 150 गैर सरकारी सदस्यों के नामांकन को 31 मार्च को निरस्त कर दिया गया है तथा इसी प्रकार सहकारी समिति नियमावली के नियम के तहत सहकारी चीनी मिल समितियों/सहकारी गन्ना विकास समितियों में कुल 21 गैर सरकारी संचालक सदस्यों को निरस्त किया दिया गया है।

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