Edited By ,Updated: 16 Feb, 2016 09:41 AM
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के ‘हुसूले इंसाफ सम्मेलन’ में जमीयत के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमान ‘बाइचांस इंडियन’ नहीं बल्कि...
मेरठ: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के ‘हुसूले इंसाफ सम्मेलन’ में जमीयत के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमान ‘बाइचांस इंडियन’ नहीं बल्कि ‘बाइच्वाइस इंडियन’ हैं और वतन से प्यार था इसलिए वे भारत में रुके।
इस सम्मेलन में किसी भी धर्मगुरु की शान में गुस्ताखी करने या धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने वालों के लिए उम्र कैद या फांसी की सजा का कानून बनाने के अलावा गौकशी के बहाने उत्पीडऩ बंद करने, विधानसभा चुनाव 2012 में मुस्लिमों के 18 फीसदी आरक्षण का वायदा पूरा करने, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया के अल्पसंख्यक दर्जे में कोई बदलाव नहीं करने के अलावा जेलों में बंद बेगुनाह मुस्लिम युवाओं की रिहाई की मांग भी की गई।
सम्मेलन में ऑल इंडिया जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि आग से आग नहीं बुझाई जा सकती है। इसके लिए पानी की जरूरत पड़ती है इसलिए मुल्क को तबाही की ओर ले जाने वालों से बचाओ और ङ्क्षहदू, मुसलमान, सिख, ईसाई सभी मिल कर रहो। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मुल्क में जो साजिशें हो रही हैं, उन्हें सभी को मिल कर विफल करना होगा।
आचार्य ने कहा कि अखलाक को मारना न तो हिंदुत्व हो सकता है और न ही ए.के.-47 लेकर निर्दोषों का खून बहाने वाले मुसलमान हो सकते हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना उस्मान ने कहा कि इंसानियत का तकाजा है कि जो जुल्म करे, उसके खिलाफ आवाज बुलंद करें। वहीं फादर मुनीश जॉनसन ने सम्मेलन में कहा कि हम सब को मिल कर भाईचारे की लौ जला कर नफरत खत्म करनी होगी। सम्मेलन के अंत में जाति धर्म से ऊपर उठकर इंसान और इंसानियत के लिए काम करने का संकल्प भी लिया गया।