Edited By ,Updated: 07 Apr, 2016 03:19 PM
जिका वायरस की गुत्थी सफलतापूर्वक सुलझाने वाले अमेरिकी दल में शामिल देविका सिरोही के घर पर बधाइयों का तांता लगा है और मेरठवासी उसके वापस लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं...
मेरठ: जिका वायरस की गुत्थी सफलतापूर्वक सुलझाने वाले अमेरिकी दल में शामिल देविका सिरोही के घर पर बधाइयों का तांता लगा है और मेरठवासी उसके वापस लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। देविका सिरोही के पिता पैथोलोजिस्ट डॉ. एस. एस. सिरोही और मां डॉ. रीना सिरोही अपनी बेटी की सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं।
मां रीना सिरोही बताती हैं कि देविका की लगन ने ही उसे सफलता दिलाई है। पहले उसे परड्यू यूनिवर्सिटी की आेर से डेंगू वायरस पर शोध के लिए चुना गया और इस शोध के दौरान ही उनकी टीम को जिका की संरचना की खोज में लगा दिया गया।
डॉ. रीना के अनुसार, नृत्य, पाक कला, अभिनय और स्केटिंग में माहिर देविका ने 10 वीं कक्षा मेरठ के सोफिया गल्र्स स्कूल और 12 वीं कक्षा दयावती मोदी एकेडमी प्रथम से पास की थी। इसके बाद देविका ने वेंकेटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विवि से बी.एस.सी. बायो केमिस्ट्री, ऑनर्स 3 वर्षीय रिसर्च फेलोशिप: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) संस्थानों में पढाई की है।
वर्तमान में वह पिछले 5 साल से अमेरिकी यूनिवर्सिटी परड्यू में शोध कर रही है। शोध इस साल पूरा होना है। देविका ने दयावती मोदी एकेडमी से 12 वीं कक्षा पास की है। इस संस्थान की प्रधानाचार्य डॉ रितु दीवान कहती हैं कि देविका की सफलता गौरवान्वित करने वाली है। हम सबको उसका बेसब्री से इंतजार है।