Edited By ,Updated: 24 Oct, 2016 03:22 PM
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजपार्टी में चल रही आपसी कलह खत्म होने की बजाय और बढ़ती जा रही है।
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजपार्टी में चल रही आपसी कलह खत्म होने की बजाय और बढ़ती जा रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्टर वायरल हो रहा है जिसमें दर्शाया गया है कि सपा सरकार के बिखरने का कारण साधू-संतों का श्राप है। पोस्टर पर लिखा गया है, ‘‘एक और संत का श्राप फलित होता दिख रहा है’’। पोस्टर में बताया गया है कि सपा में फूट, वाराणसी में साधू-संतों और बटुकों पर हुए लाठीचार्ज और श्राप का नतीजा है।
क्या है मामला?
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी थी जिसको लेकर साधू-सत नाराज थे। धार्मिक संगठन गंगा में प्रतिमा विसर्जन करने पर अड़े थे। 22 सितंबर 2015 को गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य स्वामी अविमुक्तरेश्वरानंद, पातालपुरी मठ के महंत बालक दास और बटुकों पर लाठियां बरसाई गई थीं। आाधी रात के बाद पुलिस ने धारा 144 लगा दी और संतों पर जमकर लाठीचार्ज किया। इस दौरान दर्जनभर से अधिक संत और आम लोग घायल हुए थे। पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी घायल हो गए थे। महंत बालक दास ने बाताते हुए कहा कि वह 9 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे। हमने और स्वामी अविमुक्तरेश्वरानंद ने श्राप दिया था कि सपा सरकार तिनके की तरह बिखर जाएगी।
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