Edited By ,Updated: 01 Jul, 2016 10:38 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद बहुजन समाज पार्टी के एक और महासचिव आर के चौधरी ने पार्टी छोड़ने का एेलान किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद बहुजन समाज पार्टी के एक और महासचिव आर के चौधरी ने पार्टी छोड़ने का एेलान किया।
चौधरी ने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती को अब कैडर और जमीनी कार्यकर्त्ता के बजाए ठेकेदार, माफिया और रियल इस्टेट का काम करने वालों की जरूरत है। मायावती की वजह से पार्टी संस्थापक कांशीराम का सामाजिक परिवर्तन का नारा धरा का धरा रह गया। उन्होंने कहा कि बसपा राजनीतिक दल के बजाय रियल इस्टेट कंम्पनी बनकर रह गई है। उन्होने मायावती के काम करने के तरीके पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि देखते जाइए अभी और लोग उनसे अलग होंगे।
पूर्व मंत्री चौधरी ने बताया कि आगामी 11 जुलाई को उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है उसमें वह तय करेंगे कि वह अगला राजनीतिक कदम क्या हो लेकिन इतना तय है कि वह किसी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। उनका कहना था कि मायावती चाटुकारों के कहने पर फैसले ले रही हैं। मिशनरी कार्यकर्त्ता किनारे लगाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि चौधरी बसपा संस्थापक काशींराम के चहेतों में एक रहे हैं। मायावती ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत बरखू राम वर्मा के साथ चौधरी को एक बार पार्टी से निकाल दिया था। उसके बाद हालांकि पहले वर्मा को और बाद में चौधरी को पार्टी में वापस ले लिया था। चौधरी के पहले गत 22 जून को स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती पर विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगाते हुए बसपा छोड दी थी। मायावती ने भी तत्काल पलटवार करते हुए उनपर परिवारवाद को बढावा देने का आरोप लगा दिया था।