Edited By ,Updated: 20 Oct, 2016 08:32 AM
बुधवार को हाथों में करवा, छलनी और दीपक लिए सुहागिनें आसमान की ओर टकटकी लगाए थीं।
लखनऊ: बुधवार को हाथों में करवा, छलनी और दीपक लिए सुहागिनें आसमान की ओर टकटकी लगाए थीं। इंतजार था उस पल का जब प्यार के रुमानी अहसास को लेकर करवाचौथ का चांद आएगा और अपनी चांदनी से सुहाग को चमका जाएगा। शाम करीब 8.40 बजे जैसे ही चांद नजर आया, सुहागिनों के चेहरे खिल उठे। सुहागिनों ने छलनी में चंद्रदेव और अपने पति को निहारा। पति सोलह श्रृंगार से सजी अर्धागिनी को अपलक निहारते रहे।
ईश्वर से मांगा अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान
सुहागिनों ने पांव छूकर आशीर्वाद लिया और पति ने पत्नी को पानी पिलाकर व्रत पूर्ण करवाया, साथ ही उपहार के माध्यम से अपने अहसास को बयां किया। रात को करीब 8.40 बजे पर चंद्रोदय होते ही पटाखे गूंजने लगे। छलनी से चंद्रमा और फिर पति को देखने के बाद चंद्रमा को अर्घ दिया और ईश्वर से अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मांगा।
पति की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना की
नगर व क्षेत्र के गांवों में करवाचौथ का त्यौहार परम्परागत तरीके से मनाया गया। विवाहिताओं ने निर्जल व्रत रखकर करवाचौथ की कथा विधि-विधान से सुनकर अपने पति की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना की और अपने बुजुर्गों का आशिर्वाद प्राप्त किया। रात में विवाहिताओं ने चांद देखकर अपने व्रत को पूरा किया।
बुजुर्ग महिलाओं से लिया आशीर्वाद
करवाचौथ के त्यौहार पर नगर में सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखकर ईश्वर से अपने पतियों की दीर्घायु की कामना की। इस दौरान महिलाओं ने व्रत की कथा सुनकर बुजुर्ग महिलाओं से आशीर्वाद भी लिया।