Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 12:25 PM
उत्तराखंड में आपदा किसी त्रासदी से कम नहीं है जिससे हर साल राज्य के हज़ारों गांव आपदा की चपेट में आ जाते हैं। आपदा की चपेट में आए जगहों पर राहत और बचाव कार्य करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसी दशा में आपदा ग्रस्त इलाकों में कैसे काम किया जाए इसको देखते...
नैनीताल(तारा जोशी): उत्तराखंड में आपदा किसी त्रासदी से कम नहीं है जिससे हर साल राज्य के हज़ारों गांव आपदा की चपेट में आ जाते हैं। आपदा की चपेट में आए जगहों पर राहत और बचाव कार्य करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसी दशा में आपदा ग्रस्त इलाकों में कैसे काम किया जाए इसको देखते हुए राज्य के एसडीआरएफ जवानों को 20 दिन का प्रशिक्षण अलग-अलग फेजों में दिया जा रहा है।
ट्रेनिंग ले रहे एसडीआरएफ जवानों को आपदा के समय लोगों को बचाने के लिए पहाड़ों से नीचे उतरना और चढ़ना पड़ता है और मरीज या घायल को भी बांध कर ऊपर तक लाना पड़ता है। ऐसे में उनको नदी को पार करके भी लोगों को बचाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
जवानों के मुताबिक वह पहले 45 दिन का बेसिक कोर्स कर चुके हैं। वह अब यहां 20 दिन के रेस्क्यू और सर्च के कोर्स में आए हैं। उनके अनुसार यहां बहुत सी नई बातें सीखने को मिली हैं, जैसे रिवर क्रॉसिंग और माऊंट क्लाइम्बिंग जो आने वाले दिनों में उन इलाकों में लाभकारी होगा जहां आपदा के समय उनकी तैनाती होगी।