Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 02:09 PM
आईआईटी कानपुर से रैगिंग के मामले में निष्कासित किए गए छात्रों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है....
कानपुर/इलाहाबादः आईआईटी कानपुर से रैगिंग के मामले में निष्कासित किए गए छात्रों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब निष्काषित छात्र आईआईटी परीक्षा में सम्मलित हो सकते है, जिसके लिए उन्हें हलफनामा बनवाकर देना होगा।
रैगिंग मामले में कुल 22 छात्रों को मिला निष्कासन
उल्लेखनीय है कि कानपुर आईआईटी में 19 अगस्त की रात को सेकेण्ड ईयर के छात्रों ने हॉस्टल में फ्रेशर छात्रों के कपड़े उतरवाकर उन्हें आपस में अश्लील हरकते करने को मजबूर किया था। आईआईटी प्रशासन को जब इसकी जानकारी हुई थी, तब कमेटी बनाकर जांच की गई, जिसमे 22 छात्र दोषी पाए गए थे। कमेटी ने जांच में दोषी करार 16 छात्रों को 3 साल वा 4 छात्रों को एक साल के लिए निष्कासित कर दिया था। आईआईटी से निष्कासन के बाद 4 छात्रों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
4 छात्रों को हाईकोर्ट से राहत
13 नवम्बर को हाईकोर्ट से सिंगल जज का जजमेंट आया है जिसमें चारों छात्र 18 नवम्बर को होने वाली परीक्षा दे सकते हैं। छात्रों को एक एफिडेविट बनवाकर देना पड़ेगा, जिसमें दोषी छात्र फर्स्ट ईयर के छात्रों से नहीं मिलेंगे और ना ही ऐसा कोई काम करेंगे जिससे आईआईटी कैम्पस के वातावरण पर कोई प्रभाव पड़े।
बाकी के 18 छात्रों को आईआईटी ने दिया मौका
चार छात्रों के पक्ष में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद, बाकी 18 छात्रों को भी परीक्षा दिलवाने का आईआईटी कानपुर ने मन बना लिया है। बीते बुधवार को सीनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है जिसमे रैगिंग में दोषी पाए गए सभी छात्रों को सूचित किया जाएगा कि वो चाहे तो थर्ड सेमेस्टर का एग्जाम दे सकते हैं, लेकिन उन्हें भी एफिडेविट बनवाकर देना पड़ेगा।