Edited By ,Updated: 13 Feb, 2017 11:56 PM
काला धन व नकली करंसी समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 रुपए के चल रहे नोट बंद...
काला धन व नकली करंसी समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 रुपए के चल रहे नोट बंद करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी करने की घोषणा की थी।
अधूरी तैयारी से नोटबंदी लागू करने से जहां आम लोगों को परेशानी हो रही है, वहीं नए 500 और 2000 रुपए के नोटों की गुणवत्ता संबंधी शिकायतें भी मिली हैं। 500 रुपए के कुछ नए नोटों में गांधी जी के चित्र और सिक्योरिटी थ्रैड सही जगह पर नहीं थे, वहीं 2000 रुपए के नोटों का रंग उतर रहा था।
सिक्योरिटी फीचर्स बदलना बड़ा जटिल काम होने के कारण नई मुद्रा में सिक्योरिटी फीचर्स पुराने नोटों के समान ही हैं। एक अधिकारी के अनुसार,‘‘चूंकि नोटबंदी का फैसला मात्र 5 महीने पहले लिया गया था अत: सरकार के पास नए नोटों में अतिरिक्त सिक्योरिटी फीचर्स डालने का समय ही नहीं था।’’
नोटबंदी की घोषणा के साथ ही सरकार तथा करंसी विशेषज्ञों ने कहा था कि नई करंसी की नकल तैयार करना कम से कम 5 वर्षों तक संभव नहीं हो पाएगा परंतु ये दावे झूठे निकले और नोटबंदी के एक ही सप्ताह के भीतर बाजार में नई नकली करंसी आनी शुरू हो गई थी।16 नवम्बर को तरनतारन के भिखीविंड में 2000 रुपए के नकली नोट तैयार करने वाला गिरोह पकड़े जाने के बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
05 फरवरी को उड़ीसा के ढेंकानाल में 27 लाख रु. की जाली करंसी पकड़ी गई जिसमें बड़ी संख्या में 2000 और 500 रुपए के नए नोट थे। 05 फरवरी को ही भारत-बंगलादेश सीमा के निकट देवनापुर गांव से एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से 2000 एवं 500 रुपए के नए नोट छापने में प्रयुक्त मशीन, कम्प्यूटर, स्कैनर और पिं्रटर कब्जे में लिए गए।
07 फरवरी को उत्तर प्रदेश में बिठूर पुलिस द्वारा 2000 व 500 रुपए के नोटों सहित 6.46 लाख रुपए के जाली नोट जब्त किए गए। इस वर्ष जनवरी में सरकार ने गुप्तचर रिपोर्टों के हवाले से कहा था कि पाकिस्तान में नकली भारतीय मुद्रा छापने वाले दो मुख्य प्रैस बंद होने के लिए विवश हो गए हैं परंतु जाली नोटों की बरामदगी तो कुछ और ही कहानी कह रही है।
नोटबंदी लागू होने के डेढ़ महीने के भीतर ही पाकिस्तान में बैठे तस्करों ने भारत-बंगलादेश सीमा के रास्ते भारत में नई जाली करंसी भेजने का धंधा दोबारा शुरू कर दिया है। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में तस्करों ने 2000 और 500 रुपए के नकली करंसी नोट भारतीय बाजारों में यह जानने के लिए उतारे थे कि ये चल पाते हैं कि नहीं तथा 22 जनवरी और 4 फरवरी को जाली करंसी के साथ 2 पाकिस्तानी नागरिकों को मालदा में गिरफ्तार भी किया गया।
और अब 8 फरवरी को राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) तथा सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) ने भारत-बंगलादेश सीमा पर स्थित मुॢशदाबाद से मालदा के रहने वाले अजीज-उर-रहमान नामक व्यक्ति को 2000 रुपए मूल्य वाले 40 नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है।उसने स्वीकार किया कि ‘‘इन नोटों की छपाई पाकिस्तान में वहां की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. की सहायता से की जा रही है।
ये नोट बंगलादेश के रास्ते भारत लाए जाते हैं। क्वालिटी के आधार पर 2000 रुपए का नोट तस्करों को 400 से 600 रुपए में मिलता है।’’विशेषज्ञों के अनुसार ये असली नोटों जैसे ही प्रतीत होते हैं। इनमें वाटर मार्क भी है और असली नोटों जैसी ‘क्रैकिंग’ की ध्वनि भी निकलती है तथा इन्हें नंगी आंखों से पकडऩा मुश्किल है
नकली नोटों के सौदागर असली नोट के 17 में से 11 सिक्योरिटी फीचर्स की नकल करने में सफल हो गए हैं जिससे आम लोगों के लिए नकली नोट पहचानना मुश्किल होगा। बेशक बी.एस.एफ. अपने जवानों को नकली नोटों की पहचान का प्रशिक्षण दिलवाने के लिए रिजर्व बैंक से बात कर रहा है परंतु इसके साथ-साथ अन्य निवारक पग उठाना भी आवश्यक है।
अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि जल्दी ही ये नोट भारतीय बाजारों में भारी संख्या में पहुंच सकते हैं और यदि पाकिस्तान का भारत में नकली करंसी भेजने का यह सिलसिला पहले की तरह ही चलता रहा तो इससे न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था को और क्षति पहुंचेगी, बल्कि देश में पाक प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियां बढऩे की आशंका को भी कतई दृष्टिïविगत नहीं किया जा सकता। —विजय कुमार