Edited By ,Updated: 30 Sep, 2016 02:06 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरूवार को अपना पक्ष रखते हुए बिसाहड़ा बीफ कांड की जांच सीबीआई से कराने का विरोध किया।
इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरूवार को अपना पक्ष रखते हुए बिसाहड़ा बीफ कांड की जांच सीबीआई से कराने का विरोध किया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता इमरानउल्लाह ने कहा कि पुलिस ने पूरे घटनाक्रम के हर पहलुओं की जांच कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। एेसे में इस मामले की सीबीआई जांच कराने का कोई महत्व नहीं है।
पुलिस ने नहीं की बिसाहड़ा बीफ कांड की सही जांच
बिसाहड़ा बीफ कांड के आरोपी संजय सिंह की दायर याचिका पर मामले की सुनवाई जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एसबी सिंह की खंडपीठ ने की। उनका कहना था कि पुलिस ने इस मामले की सही ढंग से जांच नही की। वहीं प्रदेश सरकार का कहना है कि याची आरोपी है और उसे अपने मन की एजेंसी से घटना की जांच कराने का कोई विधिक हक नहीं है। याचिका पर सरकार के वाद का जवाब देने के लिए याची ने कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगा है, जिसके बाद कोर्ट सुनवाई करेगी।
क्या था बिसाहड़ा कांड मामला
गौरतलब है कि 28 सितम्बर 2015 को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस रखने के आरोप में अखलाक की पाट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में अखलाक का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। मामले को राजनीतिक रूप देने के लिए सरकार ने अखलाक के परिवार को आर्थिक सहायता और फ्लैट भी दिया था। अखलाक के घर की फ्रिज से बरामद मांस के टुकड़े की मथुरा की फॉरेंसिक लैब में जांच कराई गई, जिसमें गोमांस की पुष्टि हुई। अखलाक की हत्या मामले में 17 आरोपी भी जेल में हैं।